


मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की, जिसमें सभी राजनीतिक दलों ने एकमत होकर इस पर सहमति जताई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 13% होल्ड कैंडिडेट्स को एज लिमिट पूरी होने से पहले नियुक्ति दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।
इस बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अरुण यादव, आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल सहित अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
22 सितंबर से रोजाना होगी सुनवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर सभी दल एकमत हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस प्रकरण की सुनवाई 22 सितंबर से प्रतिदिन होगी। सरकार की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकीलों की सामूहिक बैठक 10 सितंबर से पहले की जाएगी, ताकि प्रभावी रणनीति तैयार की जा सके और आरक्षण लागू करने में कोई बाधा न आए।
एज लिमिट से बाहर हो रहे कैंडिडेट्स को राहत देने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने बताया कि अनहोल्ड 14 प्रतिशत और होल्ड 13 प्रतिशत कैंडिडेट्स का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इनमें से 14% कैंडिडेट्स को क्लियरेंस मिल चुका है, जबकि 13% अभी भी लंबित हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि कोर्ट से जल्द निर्णय आए, ताकि 13% होल्ड कैंडिडेट्स को, जो अब एज लिमिट पार कर रहे हैं, समय रहते नौकरी का लाभ दिलाया जा सके।